मेरिकी अनुसंधान एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नैट एंडरसन ने कहा कि वह अपनी कंपनी का कारोबार किसी कानूनी या अन्य खतरे के कारण नहीं समेट रहे हैं और वह उनके द्वारा जारी की गई सभी रिपोर्ट पर अब भी कायम हैं।
एंडरसन ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में बताया कि हिंडनबर्ग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट जिसमें अदाणी समूह पर ‘‘ कॉर्पोरेट इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी” का आरोप लगाया गया था, वह मीडिया में समूह के खिलाफ प्रसारित खबरों का परिणाम थी। उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी करने के बाद यह कंपनी चर्चा में आ गई थी। हालांकि अदाणी समूह ने रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया है।
एंडरसन ने कुछ लोगों द्वारा हिंडनबर्ग को ओसीसीआरपी और जॉर्ज सोरोस जैसे कथित भारत विरोधी समूहों के साथ जोड़ने के प्रयासों को ‘‘मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र” करार दिया और कहा कि उनके संस्थान ने कभी भी इन पर टिप्पणी नहीं की क्योंकि वह ऐसे ‘‘मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र के सिद्धांतों” को बढ़ावा न देने की नीति का पालन करता है।
एंडरसन ने कई कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए कई विस्तृत रिपोर्ट पेश की हैं। हालांकि उन्होंने पिछले महीने अपनी इस कंपनी का कारोबार समेटने की घोषणा की थी। हिंडनबर्ग का कारोबार समेटने का निर्णय लेने के बजाय कंपनी की बागडोर किसी और को सौंपने के विकल्प का चुनाव नहीं करने के बारे पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ब्रांड से अलग करने का कोई तरीका नहीं है।”
उन्होंने कहा, ‘‘हिंडनबर्ग मूल रूप से मेरा पर्याय है। अगर यह कोई सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन या साइकिल कारखाना होता तो आप एप्लीकेशन या कारखाना बेच सकते थे। लेकिन, जब यह मेरे द्वारा किया गया अनुसंधान है, तो आप वास्तव में इसे किसी और को नहीं दे सकते, हालांकि अगर यह टीम कोई नया ब्रांड पेश करना चाहती है, तो मैं खुशी-खुशी उनका समर्थन करूंगा, जिसकी मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे।”